Pedagogy (शिक्षण पद्धति)

प्रस्तावना (Introduction)

श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर (मध्यप्रदेश) एक उभरता हुआ निजी विश्वविद्यालय है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शोध और नैतिक मूल्यों के समन्वय से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय की शिक्षण पद्धति को इस प्रकार विकसित किया गया है कि वह न केवल स्थानीय आवश्यकताओं को संबोधित करता, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार करता है। भारतीय समाज की विविधता, क्षेत्रीयता, भाषाई एवं सांस्कृतिक विशिष्टताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षण पद्धति को स्थानीय समस्याओं और समाधानों से जोड़ा गया है। भाषाई विविधता को देखते हुए विद्यार्थियों को हिंदी, अंग्रेजी एवं स्थानीय भाषाओं में पढ़ने-समझने का अवसर सतत् रूप से दिया गया है।

"Pedagogy" शब्द का अर्थ है — शिक्षण की विधियाँ, रणनीतियाँ और सिद्धांत, जिनका प्रयोग विद्यार्थियों को प्रभावी रूप से ज्ञान देने हेतु किया जाता है।

श्री कृष्णा विश्वविद्यालय की शिक्षण पद्धति

1. उद्देश्यपूर्ण अधिगम (Purposeful Learning)

विश्वविद्यालय की शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि जीवन और करियर के लिए तैयार करना है। अतः शिक्षण इस प्रकार हो कि छात्र विश्लेषणात्मक सोच, समस्या-समाधान क्षमता और नवाचार में दक्ष बन सकें।

2. कार्यान्वयन की रणनीति (Implementation Strategy)

  1. प्रत्येक संकाय में पाठविधि (Lesson Plan), शैक्षणिक कलैण्‍डर (Academic Calendar) और शिक्षण के परिणाम (Learning Outcomes) पूर्व निर्धारित हैं।
  2. शिक्षकों को संकाय विकास कार्यक्रम (Faculty Development Programs) के माध्यम से अद्यतन शैक्षणिक तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाता है।
  3. छात्र सीखने में भागीदारी हेतु परामर्श तंत्र (Mentoring System) और सहकर्मी समूह शिक्षण (Peer Group Learning) को बढ़ावा दिया जाना प्रमुख है।
  4. हर विभाग में उद्योग - शिक्ष्‍ाण सहलग्‍नता (Industry-Academia Linkage) और समाज सहभागिता परियोजना (Social Engagement Projects) अनिवार्य किए गए हैं।

3. छात्र-केंद्रित शिक्षण (Student-Centered Teaching)

यह पद्धति विद्यार्थियों की भागीदारी, विचारों और अनुभवों को महत्व देती है। शिक्षक केवल एक ज्ञान-स्रोत न होकर मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। भारतीय परंपरा की मूल भावना को बरकरार रखते हुए शिक्षक को एक मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका में रखा गया है, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहयोग करता है।

4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) आधारित शिक्षण

श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में NEP 2020 में सुझाए गए लचीलापन, बहु-विषयकता, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और क्रेडिट आधारित शिक्षा प्रणाली जैसे तत्वों को शिक्षा शास्‍त्र (pedagogy) में सम्मिलित किया गया है। मल्टी-एंट्री एवं एग्जिट विकल्प जैसे -

  1. Academic Bank of Credits
  2. Foundation, Core, Elective एवं Skill-based Courses
  3. Life-long learning को बढ़ावा

5. अंतःविषय (Interdisciplinary) दृष्टिकोण

विश्वविद्यालय में विषयों को अलग-अलग न पढ़ाकर एक-दूसरे से जोड़कर सिखाया जाता है, ताकि छात्र वास्तविक जीवन की समस्याओं को समग्र दृष्टिकोण से समझ सकें।

6. संवादात्मक शिक्षण (Interactive Teaching)

व्याख्यान के स्थान पर चर्चाएं, डिबेट, केस स्टडी, परियोजना कार्य और टीम वर्क पर बल दिया जाता है जिससे सक्रिय अधिगम हो।

7. तकनीक का समावेश (Integration of Technology)

ई अधिगम उपकरण (E-learning tools), स्मार्ट कक्षा, ऑनलाइन मंच और आवासी अनुकरण (Virtual simulation) का उपयोग कर शिक्षण को समृद्ध और सुलभ बनाया गया है। इसके साथ ही सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (Information Communication Technology) का उपयोग कर उच्च शिक्षा को डिजिटल प्लेटफार्मों से जोड़ा गया है। राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (NDLI), SWAYAM, e-PG Pathshala जैसे भारतीय प्लेटफार्मों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

8. अनुसंधान-आधारित अधिगम (Research-Based Learning)

सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों को केंद्र में रखकर विद्यार्थियों को अनुसंधान आधारित परियोजनाओं जैसे शोध प्रबंध, लघु परियोजनाएं और फील्ड वर्क के माध्यम से ज्ञान के निर्माण की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है।

विश्वविद्यालय की शोध पहल:

  • प्राध्यापकों को शोध के लिए 38 लाख की शोध सहायता प्रदान की गई है
  • प्राध्यापकगण शोध में विद्यार्थियों को सम्मिलित कर उनका मार्गदर्शन करते हैं
  • भविष्य में इन विद्यार्थियों को उद्योगों में तकनीकी एवं शोध संबंधी परामर्श के लिए भेजा जाएगा
  • विश्वविद्यालय अपने 04 शोध पत्रिका (Journal) प्रकाशित करता है जिनके ISSN No. भी प्राप्त हैं
  • विद्यार्थी अपने शोध को इन शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित करा सकते हैं

9. मूल्यों और नागरिकता पर बल (Value-Based Education and Citizenship Education)

श्री कृष्ण की शिक्षाओं से प्रेरित होकर शिक्षा में नैतिकता, सेवा, धर्म, करुणा, सत्यनिष्ठा नैतिक मूल्यों, सामाजिक उत्तरदायित्व, संविधान का अध्ययन, पर्यावरण जागरूकता और नागरिक कर्तव्यों को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाकर पाठ्यक्रम में समाहित किया गया है।

10. मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम (Value Added Course)

शिक्षण में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा अतिथि व्याख्यान करवाये जाते हैं।

11. सीखते हुए कमाएं (Earn While You Learn)

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय में सीखते हुए कमाएं योजना लागू की जा रही है। इस योजना से छात्रों का उत्साह वर्धन होगा एवं उन्हें कार्य का अनुभव प्राप्त होगा।

12. रोजगारोन्मुख शिक्षण (Employability-Oriented Teaching)

भारतीय विश्वविद्यालयों की pedagogy को इस प्रकार रूपांतरित किया गया है कि छात्र रोजगार योग्य बनें। कौशल विकास, इंटर्नशिप, उद्योग-शिक्षा सहयोग पर विशेष बल दिया जाता है।

13. समावेशी एवं लिंग-संवेदनशील शिक्षा (Inclusive and Gender-Sensitive Approach)

SC/ST, OBC, महिला, दिव्यांग और वंचित वर्गों के लिए विशेष सहयोगात्मक पद्धति अपनाई गई है। छात्र सहायता केंद्र, छात्र परामर्श और छात्रवृत्तियों की जानकारी को शिक्षण में समाहित किया गया है।

14. सतत् मूल्यांकन और फीडबैक प्रणाली (Continuous Assessment and Feedback Mechanism)

केवल अंतिम परीक्षा पर निर्भर न रहते हुए मूल्यांकन को बदलकर नियमित परियोजना, प्रस्तुति, समूह कार्य, आत्म-मूल्यांकन प्रस्तुति, असाइनमेंट और उपस्थिति को भी मूल्यांकन का हिस्सा बनाया गया है।

15. जीवन कौशल विकास और रोजगारोन्मुखता (Life Skills Development and Employability Focus)

संचार कौशल, नेतृत्व, समय प्रबंधन और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे जीवनोपयोगी कौशलों का विकास भी शिक्षण का अंग है। सभी संकायों में Soft Skills, Communication, Computer Literacy, Interview Techniques और Entrepreneurial Skills को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।

16. समावेशी शिक्षण (Inclusive Pedagogy)

सभी पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुलभ और संवेदनशील हो इस बात का ध्यान रखा गया है। इसके साथ ही विकलांग छात्रों के लिए भी अनुकूल वातावरण सुनिश्चित किया गया है।

17. डिजिटल शिक्षण संसाधन

विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकगण अपने विषय से संबंधित वीडियो लैक्चर सरल भाषा में बनाकर यूट्यूब पर डालते हैं। इन वीडियो लैक्चर के माध्यम से छात्र आवश्यकतानुसार अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रख सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

श्री कृष्णा विश्वविद्यालय की pedagogy इस उद्देश्य को पूरा करती है कि शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित न रहकर व्यक्तित्व निर्माण, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त साधन बने। यह प्रणाली न केवल स्थानीय और राष्ट्रीय ज़रूरतों को पूरा करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा हेतु भी छात्रों को सक्षम बनाती है।